पास हुए हम - रामवचन सिंह

पास हुए हम – रामवचन सिंह

Here is a poem for children reflecting the feeling of joy after passing examination. Rajiv Krishna Saxena

पास हुए हम 

पास हुए हम, हुर्रे हुर्रे!
दूर हुए गम, हुर्रे हुर्रे!

रोज नियम से किया परीश्रम
और खपाया भेजा,
धीरे–धीरे, थोड़ा–थोड़ा
हर दिन ज्ञान सहेजा,
रुके नहीं हम, हुर्रे हुर्रे!

हम कछुआ ही सही, चल रहे
लगातार पर धीमें,
हम खरगोश नहीं की दौड़ें,
सोयें रस्ते ही में।
रुका नहीं क्रम, हुर्रे हुर्रे!

बात नकल की कोई हमने
कभी न मन में लाई,
सिर्फ पढ़ाई के बल पर ही
आह सफलता पाई,
जीत गया श्रम, हुर्रे हुर्रे!
पास हुए हम, हुर्रे हुर्रे!

~ रामवचन सिंह

लिंक्स:

 

Check Also

बाल गीता भगवान कृष्ण का विश्वरूप

बाल गीता – भाग ६ भगवान कृष्ण का विश्वरूप (Cartoon Animation) राजीव कृष्ण सक्सेना

बाल गीता भाग-६ (भगवान कृष्ण का विश्वरूप) बाल गीता, भाग-६, (cartoon animation) has been published …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *