यह दिल खोल तुम्हारा हँसना – गोपाल सिंह नेपाली

Here is a lovely poem for a lover by the well-known poet Gopal Singh Nepali. Rajiv Krishna Saxena

यह दिल खोल तुम्हारा हँसना

प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है

बोले मधुप फूल की बोली, बोले चाँद समझ लें तारे
गा–गाकर मधुगीत प्रीति के, सिंधु किसी के चरण पखारे
यह पापी भी क्यों–न तुम्हारा मनमोहम मुख–चंद्र निहारे
प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है

देखा मैंने एक बूँद से ढँका जरा आँखों का कोना
थी मन में कुछ पीर तुम्हारे, पर न कहीं कुछ रोना धोना
मेरे लिय बहुत काफी है आँखों का यह डब–डब होना
साथ तुम्हारी एक बूँद के, मेरा जीवन डोल रहा है

कोई होगी और गगन में, तारक–दीप जलाने वाली
कोई होगी और, फूल में सुंदर चित्र बनाने वाली
तुम न चाँदनी, तुम न अमावस, सखी तुम तो ऊषा की लाली
यह दिल खोल तुम्हारा हँसना, मेरा बंधन खोल रहा है

~ गोपाल सिंह नेपाली

लिंक्स:

 

Check Also

We watch the river and wonder what will be there on the other side!

उस पार न जाने क्या होगा – हरिवंश राय बच्चन

This is a very famous poem of Harivansh Rai Bachchan. We know nothing about where …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *