बोआई का गीत – धर्मवीर भारती

बोआई का गीत – धर्मवीर भारती

Here again is magic of Bharti Ji. Look at the choice of words and the overall image this poem conjures up. Rajiv Krishna Saxena

बोआई का गीत

गोरी-गोरी सौंधी धरती-कारे-कारे बीज
बदरा पानी दे!

क्यारी-क्यारी गूंज उठा संगीत
बोने वालो! नई फसल में बोओगे क्या चीज ?
बदरा पानी दे!

मैं बोऊंगा बीर बहूटी, इन्द्रधनुष सतरंग
नये सितारे, नयी पीढियाँ, नये धान का रंग
बदरा पानी दे!

हम बोएंगे हरी चुनरियाँ, कजरी, मेहँदी
राखी के कुछ सूत और सावन की पहली तीज!
बदरा पानी दे!

∼ धर्मवीर भारती

लिंक्स:

 

Check Also

Holi aai re...

होली आयी रे – शकील बदायूंनी

On the Happy occasion of Holi, I present this old classic from film Mother India, …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *