टल नही सकता – कुंवर बेचैन

टल नही सकता – कुंवर बेचैन

Here are some touching verses from Kunwar Bechain. They point out to the inadequacies in all of us. Rajiv Krishna Saxena

टल नही सकता

मैं चलते – चलते इतना थक  गया हूँ, चल नही सकता
मगर मैं सूर्य हूँ, संध्या से पहले ढल नही सकता

कोई जब रौशनी देगा, तभी हो पाउँगा रौशन
मैं मिटटी का दिया हूँ, खुद तो मैं अब जल नही सकता

जमाने भर को खुशियों देने वाला रो पड़ा आखिर
वो कहता था मेरे दिल में कोई गम पल नही सकता

वो हीरा है मगर सच पूछिये तो है तो पत्थर ही
हज़ारों कोशिशें कर लो, पिघल या गल नही सकता

मैं यह एहसास लेकर, फ़िक्र करना छोड़ देता हूँ
जो होना है, वो होगा ही, कभी वो टल नही सकता।

~ कुंवर बेचैन

लिंक्स:

 

Check Also

जब तुम्हीं अनजान बन कर रह गए – शांति सिंहल

Women have a world view that is very different from that of men. Women may …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *