Let us go to the lovely forest
हरे जंगल के बीचो बीच, न कोई आया गया जहां, चलो हम दोनों चलें वहां।

चलो हम दोनों चलें वहां – नरेंद्र शर्मा

Here is a lovely poem by Pandit Narendra Sharma. Lovers always look for a quiet and peaceful place where they can sit and gaze into each others eyes. Here is a suggestion for them – Rajiv Krishna Saxena

चलो हम दोनों चलें वहां

भरे जंगल के बीचो बीच,
न कोई आया गया जहां,
चलो हम दोनों चलें वहां।

जहां दिन भर महुआ पर झूल,
रात को चू पड़ते हैं फूल,
बांस के झुरमुट में चुपचाप,
जहां सोये नदियों के कूल;

हरे जंगल के बीचो बीच,
न कोई आया गया जहां,
चलो हम दोनों चलें वहां।

विहंग मृग का ही जहां निवास,
जहां अपने धरती आकाश,
प्रकृति का हो हर कोई दास,
न हो पर इसका कुछ आभास;

खरे जंगल के के बीचो बीच,
न कोई आया गया जहां,
चलो हम दोनों चलें वहां।

∼ पंडित नरेंद्र शर्मा

लिंक्स:

 

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One comment

  1. आशुतोष मिश्रा

    अति सुंदर प्रकृति और प्रेम का संगम दर्शाया है श्री शर्मा जी ने बहुत ही सुंदर और भावयुक्त कविता है।

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