Tag Archives: Pryag Shukla

पगडंडी – प्रयाग शुक्ल

पगडंडी - प्रयाग शुक्ल

A nerrow track in the forest. Where does it go? Rajiv Krishna Saxena पगडंडी जाती पगडंडी यह वन को खींच लिये जाती है मन को शुभ्र–धवल कुछ–कुछ मटमैली अपने में सिमटी, पर, फैली। चली गई है खोई–खोई पत्तों की मह–मह से धोई फूलों के रंगों में छिप कर, कहीं दूर …

Read More »