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मातृभूमि – मैथिली शरण गुप्त

मातृभूमि – मैथिली शरण गुप्त

Here is an old classic poem of Rashtra Kavi Maithili Sharan Gupta about the glory of motherland. Rajiv Krishna Saxena मातृभूमि नीलांबर परिधान हरित तट पर सुन्दर है। सूर्य-चन्द्र युग मुकुट, मेखला रत्नाकर है॥ नदियाँ प्रेम प्रवाह, फूल तारे मंडन हैं। बंदीजन खग-वृन्द, शेषफन सिंहासन है॥ करते अभिषेक पयोद हैं, …

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