Tag Archives: Mother India

यह कदम्ब का पेड़ – सुभद्रा कुमारी चौहान

What if this Kadamb tree was on the bank of river Yamuna?

यह कदम्ब का पेड़ यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली॥ तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता। उस नीची डाली …

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हिमाद्रि तुंग शृंग से – जयशंकर प्रसाद

हिमाद्रि तुंग शृंग से – जयशंकर प्रसाद

Here is an old classic inspirational poem by Jay Shankar Prasad – Rajiv Krishna Saxena हिमाद्रि तुंग शृंग से हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती– स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती– ‘अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!’ असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण …

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