Tag Archives: hidden thoughts

तुम जानो या मैं जानूँ – शंभुनाथ सिंह

तुम जानो या मैं जानूँ – शंभुनाथ सिंह

It all ended but so much remained unsaid. Those unsaid thoughts are forever locked in your heart or in mine. Here is a lovely poem by Shambhunath Singh – Rajiv Krishna Saxena तुम जानो या मैं जानूँ जानी अनजानी‚ तुम जानो या मैं जानूँ। यह रात अधूरेपन की‚ बिखरे ख्वाबों …

Read More »