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पक्षी और बादल – रामधारी सिंह दिनकर

Birds and clouds

Borders between nations are man-made. Nature however has no regards for these borders. Dinker Ji puts is very well in this poem. Rajiv Krishna Saxena पक्षी और बादल पक्षी और बादल ये भगवान के डाकिये हैं, जो एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं। हम तो समझ नहीं पाते …

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