तूफानों की ओर घुमा दो नाविक – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

What do we do with the challenges in the life? One option is to run away and other is to meet those head long with all our might. Here Shiv Mangal Suman Ji exhorts us not to give up and keep the struggle on till the victory is achieved. Rajiv Krishna Saxena

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज हृदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी न मानी हार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

∼ शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

लिंक्स:

 

Check Also

बाल गीता – भाग ७- Cartoon Animation for children

बाल गीता – भाग ७- (Cartoon Animation for children) राजीव कृष्ण सक्सेना

बाल गीता – भाग ७- Cartoon Animation for children Arjuna requested the Lord to show …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *