कौन सिखाता है चिड़ियों को – सोहनलाल द्विवेदी

कौन सिखाता है चिड़ियों को – सोहनलाल द्विवेदी

Here is a popular poem of Sohanlal Dwivedi Ji. Who teaches birds… Many would have read it in school days. Rajiv Krishna Saxena

कौन सिखाता है चिड़ियों को

कौन सिखाता है चिडियों को
चीं–चीं चीं–चीं करना?
कौन सिखाता फुदक–फुदक कर
उनको चलना फिरना?

कौन सिखाता फुर से उड़ना
दाने चुग-चुग खाना?
कौन सिखाता तिनके ला–ला
कर घोंसले बनाना?

कौन सिखाता है बच्चों का
लालन-पालन उनको?
माँ का प्यार, दुलार, चौकसी
कौन सिखाता उनको?

कुदरत का यह खेल,
वही हम सबको, सब कुछ देती।
किन्तु नहीं बदले में हमसे
वह कुछ भी है लेती।

हम सब उसके अंश
कि जैसे तरू–पशु–पक्षी सारे।
हम सब उसके वंशज
जैसे सूरज–चांद–सितारे।

∼ सोहनलाल द्विवेदी

लिंक्स:

 

Check Also

बाल गीता भगवान कृष्ण का विश्वरूप

बाल गीता – भाग ६ भगवान कृष्ण का विश्वरूप (Cartoon Animation) राजीव कृष्ण सक्सेना

बाल गीता भाग-६ (भगवान कृष्ण का विश्वरूप) बाल गीता, भाग-६, (cartoon animation) has been published …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *