दादी वाला गाँव – इंदिरा गौड़

A little kid remembers his visit to the village of his grandmother and the fun he had. Rajiv Krishna Saxena

दादी वाला गाँव

पापा याद बहुत आता है
मुझको दादी वाला गाँव,
दिन दिन भर घूमना खेत में
वह भी बिल्कुल नंगे पाँव।

मम्मी थीं बीमार इसी से
पिछले साल नहीं जा पाए,
आमों का मौसम था फिर भी
छककर आम नहीं खा पाए।

वहाँ न कोई रोक टोक है
दिन भर खेलो मौज मनाओ,
चाहे किसी खेत में घुसकर
गन्ने चूसो भुट्टे खाओ।

भरी धूप में भी देता है
बूढ़ा बरगद ठंडी छाँव,
जिस पर बैठी करतीं चिड़ियाँ
चूँचूँ कौए करते काँव।

~ इंदिरा गौड़

लिंक्स:

 

Check Also

बाल गीता भगवान कृष्ण का विश्वरूप

बाल गीता – भाग ६ भगवान कृष्ण का विश्वरूप (Cartoon Animation) राजीव कृष्ण सक्सेना

बाल गीता भाग-६ (भगवान कृष्ण का विश्वरूप) बाल गीता, भाग-६, (cartoon animation) has been published …

One comment

  1. this is true

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *