काका हाथरसी के दोहे

Here are some hilarious dohe of Kaka Hathrasi. The first one was recited few years ago by Prime Minister Modi during a speech in Parliament to tease Congress in opposition. Rajiv Krishna Saxena

काका हथरसी के दोहे

अंतरपट में खोजिए, छिपा हुआ है खोट
मिल जाएगी आपको बिल्कुल सत्य रिपोर्ट

अँखियाँ मादक रस भरी, गज़व गुलाबी होंठ
ऐसी नारी प्रिय लगे, ज्यों दावत में सोंठ

आकर्षक सुंदर लगें, सदा दूर हे ढोल
अधिक निकट मत जाइये, खुल जाएगी पोल

उस घर में शादी करो, घर वाले हों नेक
सुंदर सुंदर सालियाँ, होवें दर्जन एक

कभी ख़त्म होंगे नहीं, राजनीति के युद्ध
अर्थ और यश के लिये, चमचे बनो विशुद्ध

कभी घूस खाई नहीं, किया न भ्रष्टाचार
ऐसे भोंदू जीव को, बार बार धिक्कार

काका निज इनक़म कबहु, काहू को न बताय
ना जाने किस भेस में आई.टी.ओ. मिल जाए

ख़तरनाक वह बहू जो, घर को स्वर्ग बनाए
पति–पत्नी माता–पिता, सब स्वर्गीय कहायँ

~ काका हाथरसी

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