देवानंद और प्रेमनाथ - शैल चतुर्वेदी

देवानंद और प्रेमनाथ – शैल चतुर्वेदी

Shail Chaturvadi the well known hasya kavi often makes fun of his own bald head and fat body with protruding belly. Here he tells us that in his youth he actually had full hair head like Devanand, though in old age he is more like Premnath. Rajiv Krishna Saxena

देवानंद और प्रेमनाथ

एक बार हम रिक्शे में बैठ गए
ठिकाने पर पहुँच कर
पचास पैसे थमाए
तो रिक्शा चालक ऐंठ गए
“पचास पैसे थमाते शर्म नहीं आई
लीजिए आप ही सँभालिए
और जल्दी से रुपया निकालिए,
वो तो मैंने
अँधेरे में हाँ कह दी थी
उजाले में होता
तो ठेले की सवारी
रिक्शे में नहीं ढोता”

हमारे शारीरिक विकास
और गंजेपन को देखकर
लोग हमारा मज़ाक उड़ाते हैं
मगर यह भूल जाते हैं
कि जवानी में हम भी
खूबसूरती के कामल थे
हमारे सर पर भी
लहराते हुए चमकीले बाल थे
कॉलेज की लड़कियाँ कॉपी पर
हमारा चित्र बनाती थीं
और दो चार ऐसी थीं
जो हमे देवानंद कह कर बुलाती थीं
मगर भला हो इस गृहस्थी के चक्कर का
जिसने हमे बरबाद कर दिया
देवानंद से प्रेमनाथ कर दिया!

शैल चतुर्वेदी

लिंक्स:

 

Check Also

Let me form the Government! Please!!

मुझको सरकार बनाने दो – अल्हड़ बीकानेरी

Here is a part of a poem by Allhad Bikaneri, the well known hasya kavi. …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *