काका और मच्छर – काका हाथरसी

काका और मच्छर – काका हाथरसी

Kaka Hathrasi had to spend a night on Dehradun railway station infested with mosquitos. Read this funny account. Illustration has been done by me. Rajiv Krishna Saxena

काका और मच्छर

काका वेटिंग रूम में, फँसे देहरा–दून
नींद न आई रात भर, मच्छर चूसें खून
मच्छर चूसें खून, देह घायल कर डाली
हमें उड़ा ले जाने की योजना बना ली
किंतु बच गये कैसे, यह बतलाएँ तुमको?
नीचे खटमल जी ने पकड़ रखा था हमको!

हुई विकट रस्साकशी, थके नहीं रणधीर
ऊपर मच्छर खींचते, नीचे खटमल वीर
नीचे खटमल वीर, जान संकट में आई
चिल्लाए हम जय–जय–जय हनुमान गुसाईं
पंजाबी सरदार एक, बोला चिल्ला के
“तुस्सी भजन करना है तो कर बाहर जा के”

सुबह उठे सरदार जी, पूछी हमने बात
कैसे वेटिंग रूम में, तुमने काटी रात?
तुमने काटी रात “अस्सी बिल्कुल नहीं डरता
ठर्रा पीकर ठर्र ठर्र खर्राटे भरता
मच्छर चूसें खून, नशा उनको आ जाता
सो जाते हैं मच्छर, तब तक हम जग जाता!”

~ काका हाथरसी

लिंक्स:

 

Check Also

बाल गीता – भाग ७- Cartoon Animation for children

बाल गीता – भाग ७- (Cartoon Animation for children) राजीव कृष्ण सक्सेना

बाल गीता – भाग ७- Cartoon Animation for children Arjuna requested the Lord to show …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *