वे और तुम – जेमिनी हरियाणवी

वे और तुम – जेमिनी हरियाणवी

Here is a comparison between a lover and a neta, love and politics!  Rajiv Krishna Saxena

वे और तुम

मुहब्बत की रियासत में
सियासत जब उभर जाए
प्रिये तुम ही बतलाओ
जिंदगी कैसे सुधर जाए

चुनावों में चढ़े हैं वे
निगाहों में चढ़ी हो तुम
चढ़ाया है तुम्हें जिसने
कहीं रो रो न मर जाए

उधर वे जीत कर लौटे
इधर तुमने विजय पाई
हमेशा हारने वाला
जरा बोलो किधर जाए

उधर चमचे खड़े उनके
इधर तुम पर फिदा हैं हम
हमें अब देखना है भाग्य
किसका कब बदल जाए

वहां वे दल बदलते हैं
यहाँ तुम दिल बदलती हो
पड़ी है बान दोनों में
कि वचनों से मुकर जाए

उन्हें माइक से मतलब है
तुम्हें भी माइका प्यारा
तुम्हारा क्या बिगड़ता है
उठे कोई या गिर जाए

~ जेमिनी हरियाणवी

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