पीने का बहाना - हुल्लड़ मुरादाबादी

पीने का बहाना – हुल्लड़ मुरादाबादी

Here is another funny poem of Hullad Muradabadi. Enjoy! Rajiv Krishna Saxena

पीने का बहाना

हौसले को आज़माना चाहिये
मुशकिलों में मुसकुराना चाहिये

खुजलियाँ जब सात दिन तक ना रुकें
आदमी को तब नहाना चाहिये

साँप नेता साथ में मिल जाएँ तो
लट्ठ नेता पर चलाना चाहिये

सिर्फ चारे से तसल्ली कर गए
आपको तो देश खाना चाहिये!

जो इलैक्शन हार जाए क्या करे?
तिरुपति में सिर मुँडाना चाहिये

हाथ ही अब तक मिलाए आज तक
दोस्ती में दिल मिलाना चाहिये

आज फ़ीवर कल थकावट हो गई
रोज पीने का बहाना चाहिये

आशिकी में बाप जब बेहोश हो
पुत्र को जूता सुंघाना चाहिये

नींद आती ही नहीं जिस शस्ख को
टेप हुल्लड़ का सुनाना चाहिये

~ हुल्लड़ मुरादाबादी

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