गरिमा का मेमना – राजीव कृष्ण सक्सेना
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गरिमा का था एक मेमना
एक मेमना
एक मेमना
गरिमा का था एक मेमना
शुद्ध श्वेत था रंग
जहाँ जहाँ भी गरिमा जाती
गरिमा जाती
गरिमा जाती
जहाँ जहाँ भी गरिमा जाती
रहता उसके संग
एक दिन उसको पीछे पीछे
पीछे पीछे
पीछे पीछे
एक दिन उसको पीछे पीछे
चला गया वो स्कूल
बच्चों को तो मजा आ गया
मजा आ गया
मजा आ गया
बच्चों को तो मजा आ गया
उसे देख कर खूब
टीचर ने फिर बाहर निकाला
बाहर निकाला
बाहर निकाला
टीचर ने फिर बाहर निकाला
पर वो वहीं अड़ा
गरिमा की वो बाट जोहते
बाट जोहते
बाट जोहते
गरिमा की वो बाट जोहते
बाहर खड़ा रहा
गरिमा उसको क्यों रखती है
क्यों रखती है
क्यों रखती है
गरिमा उसको क्यों रखती है
बच्चों ने पूछा
क्योंकी उससे प्यार करती है
प्यार करती है
प्यार करती है
~ राजीव कृष्ण सक्सेना
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