गीता काव्य माधुरी
गीता सभी पढ़ना चाहते हैं। पर संस्कृत के विद्वान तो सभी हैं नहीं। हिंदी में कई टीकाएं हैं पर पद्य पढ़ने में जो आनंद है वह टीका पढ़ने में कहां। पद्य का अर्थ आपको मन में ही उपजता है जबकी टीका किसी और के विचार होते हैं। गीता काव्य माधुरी में गीता मात्राबद्ध छंदों में प्रस्तुत की गई है और गीता के 700 श्लोकों में से हर एक का पद्यानुवाद इस पुस्तक में है। यह छंद 8 मात्रा यानी कि कहरवा में बड़ी सुगमता से गाये जा सकते हैं और शीघ्र ही कंठस्थ हो जाते हैं। गीता के हर अध्याय से कुछ अंश पढ़ कर देखें।
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Preface / Forward – प्रक्कथन एंव दो शब्द
धृतराष्ट की प्रतीक्षा
गीता महात्म्य
Chapter 1 – अर्जुन-विषादयोग
Chapter 2 – सांख्ययोग
Chapter 3 – कर्मयोग
Chapter 4 – ज्ञानयोग
Chapter 5 – कर्मसंन्यासयोग
Chapter 6 – आत्मसंयमयोग
Chapter 7 – ज्ञानविज्ञानयोग
Chapter 8 – अक्षरब्रह्मयोग
Chapter 9 – राजविद्या राजगुह्ययोग
Chapter 10 – विभूतियोग
Chapter 11 – विश्वरूपदर्शनयोग
Chapter 12 – भक्तियोग
Chapter 13 – क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग
Chapter 14 – गुणत्रयविभागयोग
Chapter 15 – पुरुषोत्तमयोग
Chapter 16 – देवासुर सम्पद विभाग योग
Chapter 17 – श्रद्धात्रय विभाग योग
Chapter 18 – मोक्ष सन्यास योग
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Hindu dhrm k liye geeta atyant awasyak h hm sbko ye pdhna chahiye…nd thnks a lot geeta press Jo ap logo ne geeta ko aj v logo k bich rkha apko dil se dhnyanwad….